दोस्तों, शादी एक बहुत ही पवित्र रिश्ता है। कुछ लोग कहते है की शादी के रिश्ते का आधार प्यार या विश्वास आदि होते है, लेकिन इन सब से बढ़कर मसीह है। जी हाँ, एक शादीशुदा जीवन का आधार मसीह होता है।
एक मसीही के लिए बहुत ज़रूरी है की वो अपने शादीशुदा जीवन को हमेशा प्रेम, सच्चाई और ईमानदारी से जीये।
लेकिन आज के इस युग मे बहुत मसीही परिवारों मे क्लेश आगया है। जिसका केवल एक ही कारण है, शैतान।
जी हाँ दोस्तों शैतान अपने पूरे ज़ोर से कोशिश करता है के किस तरह मसीही परिवारों मे फूट डाले!
अफसोस की बात ये है की आज बहुत से मसीही परिवार टूट रहे है, छोटी छोटी बातों पर बहस शुरू हो जाती है, फिर झगड़े और लडाइयाँ, और इन सब का अंत होता है डिवोर्स से।
कितना आसान हो गया है शैतान के लिए एक पति पत्नी को अलग करना।
क्या आपको पता है? बाइबिल के अनुसार अपनी पत्नी को छोड़ कर दूसरी औरत से शादी करना व्यभिचार है।
“जो कोई अपनी पत्नी को त्यागकर दूसरी से विवाह करता है, वह व्यभिचार करता है, और जो कोई ऐसी त्यागी हुई स्त्री से विवाह करता है, वह भी व्यभिचार करता है।” – लूका 16:18
जी हाँ यदि आप ऐसे काम करने का सोच भी रहे हैं तो रुक जाइये क्योंकि परमेश्वर का वचन कभी भी व्यर्थ नही जाएगा।
हर इंसान की परिस्थिति एक जैसी नही होती, और ना ही सबकी शादीशुदा जिंदगी एक जैसी होती है। क्या आपको पता है? कोई भी शादी व्यर्थ में नही होती, परमेश्वर जो स्वर्ग मे है, वो ही एक स्त्री और पुरुष को मिलाता है ताकि वो हमेशा साथ रहे और परमेश्वर की स्तुति करे।
“अत: वे अब दो नहीं, परन्तु एक तन हैं। इसलिये जिसे परमेश्वर ने जोड़ा है, उसे मनुष्य अलग न करे।”
मत्ती 19:6
तो क्या अब आप इस बहुत पाक रिश्ते को इतनी आसानी से टूटने देंगे? नही! इससे बेहतर ये है के आप इस रिश्ते को प्रभु मे आगे बढ़ाएं, और अपने जीवन को ख़ुशियों से भर दें।
1- गुस्से पर काबू पाना।
क्या आपको पता है गुस्से पर काबू पाना एक शादी के रिश्ते मे बहुत ज़रूरी है? कभी कभी ये बहुत मुश्किल होता है और कुछ परिस्तिथियों मे आप अपना आपा खो बैठते हो, फिर क्या? पति और पत्नी मे घमासान बहस शुरू हो जाती है। लेकिन इन सब पर काबू पाया जा सकता है। बाईबल हमे सिखाती है-
“हे मेरे प्रिय भाईयों, याद रखो, हर किसी को तत्परता के साथ सुनना चाहिए, बोलने में शीघ्रता मत करो, क्रोध करने में उतावली मत बरतो। क्योंकि मनुष्य के क्रोध से परमेश्वर की धार्मिकता नहीं उपजती।”
याकूब 1:19-20
“कोमल उत्तर से क्रोध शांत होता है किन्तु कठोर वचन क्रोध को भड़काता है।”
नीतिवचन 15:1
क्रोध से बुराई ही निकलती है। आप चाहें अपनी बातों मे सही हो, भले ही झगड़े का कारण आप नही हो, या हो सकता है आपके साथी मे कमी हो। लेकिन फिर भी आपको ऐसी परिस्थिति में चुप रहना चाहिए। चुप रहने से आप छोटे नही हो जाते और ना ही आप गलत बन जाते हो। शांत रहने से आप मसीह के वचनों का पालन करते हो।
एक मसीही भले ही हर जगह अच्छा बना रहे, लेकिन यदि उसके घर मे शांति नही है, तो उसका खुद को मसीही कहना व्यर्थ है।
मसीह ने हमारे लिए क्रूस पर इतने दुख और निंदा सही। लेकिन फिर भी उसने कभी किसी को कुछ बुरा नही कहा, ना उसने क्रोध किया। दोस्तों क्या आप जानते हो क्यों? ताकि हमे शांति मिले और एक नया जीवन मिले।
“उसे सताया गया और दण्डित किया गया। किंतु उसने उसके विरोध में अपना मुँह नहीं खोला। वह वध के लिये ले जायी जाती हुई भेड़ के समान चुप रहा। वह उस मेमने के समान चुप रहा जिसका ऊन उतारा जा रहा हो। अपना बचाव करने के लिये उसने कभी अपना मुँह नहीं खोला।”
यशायाह 53:7
येशु मसीह ने हमारे लिए अपना मुँह बंद रखा और बहुत सारे कोड़े खाये। दोस्तों क्या हम येशु मसीह को इसके बदले कुछ नही दे सकते?
इसलिए जब भी घरेलू मसलों के कारण आपके और आपके साथी के बीच बहस हों तब हमेशा मसीह के क्रूस को स्मरण करना। उसके दुख उठाने को याद करना। खुद को शांत करना, मसीह के लिए सब कुछ सह लेना।
मेरा विश्वास है परमेश्वर आपको इसका प्रति-फल ज़रूर देगा और बहुत जल्द आप अपने जीवन मे शांति पाएंगे।
2- एक दूसरे को बढ़कर जानें।
“हे पत्नियो, अपने-अपने पतियों के प्रति ऐसे समर्पित रहो, जैसे तुम प्रभु को समर्पित होती हो। क्योंकि अपनी पत्नी के ऊपर उसका पति ही प्रमुख है। वैसे ही जैसे हमारी कलीसिया का सिर मसीह है। वह स्वयं ही इस देह का उद्धार करता है। जैसे कलीसिया मसीह के अधीन है, वैसे ही पत्नियों को सब बातों में अपने अपने पतियों के प्रति समर्पित रहना चाहिए। हे पतियों, अपनी पत्नियों से प्रेम करो। वैसे ही जैसे मसीह ने कलीसिया से प्रेम किया और अपने आपको उसके लिये बलि दे दिया।”
इफिसियों 5:22-25
अगर आज आप निराश है अपने वैवाहिक जीवन को लेकर तो एक बात हमेशा ध्यान रखें, परमेश्वर कोई भी कम व्यर्थ मे नही करता। आपका विवाह होना भी परमेश्वर ही की मर्ज़ी से था। अपने जीवन मे परमेश्वर की मर्ज़ी पूरी होने दें,आज ही विषय रखकर प्रार्थना करना शुरू कर दें। परमेश्वर सब कुछ कर सकने की समर्थ रखता है।
अपने पति या अपनी पत्नी को खुद से बेहतर समझो। क्योंकि पवित्र शास्त्र हमे ये ही सिखाता है।
पतियों को ज़रूरी है की अपने पत्नियों को संभाले और उनकी देखभाल करे, और पत्नियों को ज़रूरी है की अपने पति के अधीन रहे।
अक्सर आजकल की औरतें ये बात सुनकर बहुत चिढ़ जाती है के आखिर पत्नी ही क्यों पति के अधीन रहे , ऐसा बाइबिल हमे क्यों सिखाती है। बहनों, हम सब उस महान परमेश्वर की रचना है। प्रभु ने हमे ऐसा ही रचा है के हम अपने अपने पतियों के अधीन रहे। क्योंकि पहले नर को बनाया गया फिर नारी को।
उत्पति 2:18 के अनुसार परमेश्वर ने स्त्री को पुरुष के लिए बनाया ताकि वो उसकी सेवा कर सके।
3- कमज़ोर शरीरिक संबंध।
दोस्तों, ये भी एक बहुत ही बड़ी वजह है वैवाहिक जीवन खराब होने के। आजकल के इस युग मे ये बहुत आम बात हो गयी है। ये इतनी आम बात हो गयी है के हर 10 मे से 1 दंपति मे ये समस्या देखी जा रही है। मसीही परिवार के टूटने का ये भी एक कारण देखा जा रहा है।
दोस्तों, परमेश्वर के लिए कुछ भी असंभव नही है वो आपकी हर परिस्तिथियों को बदलने की ताकत रखता है।
यदि आपको ऐसा लगता है की ऐसी समस्या आपके जीवन मे भी है, तो निश्चय प्रार्थना करना शुरू कर दें।
“यीशु ने उन्हें देखते हुए कहा, “मनुष्यों के लिए यह असम्भव है, किन्तु परमेश्वर के लिए सब कुछ सम्भव है।”
मत्ती 19:26
जी हाँ दोस्तों। परमेश्वर के लिए सबकुछ संभव है।
अपने वैवाहिक जीवन को परमेश्वर के हाथों मे सौंप दें। आपकी ऐसी कोई इच्छा नही है जो परमेश्वर नही सुन सकता।
4- एक दूसरे के लिए प्रार्थना करें।
जी हाँ दोस्तों। अगर आप ऐसा सोचते है के आपके जीवन मे कुछ भी अच्छा नही हो रहा, इसकी एक बड़ी वजह आपके प्रार्थना मे कमी भी हो सकती है। दिन मे जब भी आपको समय मिले,ज्यादा ज्यादा कोशिश करें अपने साथी के साथ प्रार्थना करने की। ध्यान रहें परमेश्वर ने आपको व्यर्थ मे नही जोड़ा है।
प्रार्थना हर एक समस्या का हल होता है। जब आप प्रार्थना करते हैं तब आपकी आत्मा परमेश्वर से जुड़ जाती है और परमेश्वर अपनी पवित्र आत्मा के द्वारा आपको हर एक बातें सिखाता है।
इसलिये दोस्तों विश्वास मे बने रहें और आत्मिक उन्नति करें।
आमीन।