एक मसीही को उपवास के दौरान यह बातें जरूर ध्यान में रहें

5
2661
how should christians fast

मेरे प्यारे मसीही दोस्तों, हम सब हर दिन कोशिश करते है परमेश्वर के और ज्यादा करीब जाने की। 

एक मसीही जीवन मे उपवास रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। 

बहुत लोग सोचते हैं की उपवास रखने से बेहतर है के वो सिर्फ प्रार्थना ही कर लें। कुछ लोगों के लिए तो उपवास रखना बहुत ही कठिन काम होता है।

उपवास रखना क्यों है ज़रूरी?

कुछ लोग तो डरते है के कही उपवास से उनकी तबियत बिगड़ ना जाए। तो इस तरह अलग अलग लोगों कि उपवास को लेकर भिन्न भिन्न विचारधारा है। 

लेकिन मेरे प्यारे दोस्तों, बाईबल मे उपवास रखना बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है।

“तौभी,” यहोवा की यह वाणी है, “अभी भी सुनो, उपवास के साथ रोते-पीटते अपने पूरे मन से फिरकर मेरे पास आओ। अपने वस्त्र नहीं, अपने मन ही को फाड़कर,” अपने परमेश्‍वर यहोवा की ओर फिरो; क्योंकि वह अनुग्रहकारी, दयालु, विलम्ब से क्रोध करनेवाला, करुणानिधान और दु:ख देकर पछतानेहारा है।

योएल 2:12‭-‬13

बाईबल कहती है की हमे परमेश्वर के पास उपवास के साथ और रोते-पीटते हुए आना चाहिए। दोस्तों, हम सब पापी है। हम सब नासमझ है और हर समय ना जाने हम कितने पाप करते हैं। लेकिन परमेश्वर की हम पर दया है जो वो हमे बार बार अपने पास बुलाता है।

हम नही जानते के परमेश्वर का राज्य कब आएगा। यदि आज परमेश्वर का राज्य आता है तो हो सकता है की आपके पाप के कारण आप यहीं रह जाओ और उसके राज्य मे प्रवेश ना कर पाओ।

इसलिये ज़रूरी है की हम हर समय अपने गुनाहों से तौबा करते रहे। और उपवास एक महत्वपूर्ण तरीका है परमेश्वर से माफी मांगने का।

आप सोचिये, जब आप अपने घर मे किसी समय खाना नही खाते और शांत रहते है तब आपके मां-बाप को आपकी कितनी फ़िक्र होती है? वो बार बार आपके पास आते होंगे और पूछते होंगे के मेरे बच्चे, तुम खाना क्यों नही खा रहे? तुम्हें क्या चाहिए? तुम्हारी परेशानी क्या है? 

और ऐसे में जब आप अपनी कोई भी ज़रूरत उनको बताते हो तब वो आप पर तरस खा कर आपकी सारी मांग पूरी करते है।

दोस्तों, जब आपके दुनियावी माँ-बाप आपसे इतना प्रेम करते है तो ज़रा सोचिए परमेश्वर जो स्वर्ग मे है और जो तुम्हारा आसमानी बाप है वो आपको क्या कुछ नही देने की समर्थ रखता है? 

जब आप परमेश्वर के लिए दुख उठाते है तब परमेश्वर आप पर तरस खा कर आपको सब कुछ देता है।

उपवास कैसे रखना चाहिए?

दोस्तों मसीही धर्म अन्य धर्मों की तरह सख्त कानून नही सिखाता। हमारा परमेश्वर दयालु और कृपालु है। हमारे लिए उपवास के कोई कठिन कायदे कानून नही है। लेकिन हाँ, फिर भी बाईबल मे बहुत बार उपवास रखने के कई तरीके बताये गए है। तो चलिए देखते है बाईबल मे क्या लिखा है उपवास के बारे में।

“जब तुम उपवास करो, तो कपटियों के समान तुम्हारे मुँह पर उदासी न छाई रहे, क्योंकि वे अपना मुँह बनाए रहते हैं, ताकि लोग उन्हें उपवासी जानें। मैं तुम से सच कहता हूँ कि वे अपना प्रतिफल पा चुके। परन्तु जब तू उपवास करे तो अपने सिर पर तेल मल और मुँह धो, ताकि लोग नहीं परन्तु तेरा पिता जो गुप्‍त में है, तुझे उपवासी जाने। इस दशा में तेरा पिता जो गुप्‍त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।

मत्ती 6:16‭-‬18

जब आप उपवास करें तब दूसरों को ना बताएँ की आप उपवास मे है। क्योंकि बहुत से लोग सिर्फ दिखावे के लिए उपवास करते है। अपने आप को परमेश्वर के लिए पवित्र करें और गुप्त मे उपवास करें।क्योंकि इसका प्रतिफल आपको ज़रूर मिलेगा।

बहुत से लोग तो ऐसे होते है जो उपवास के नाम पर सिर्फ खाना छोड़ देते है। ऐसे लोगों के जीवन मे उपवास का कोई प्रभाव नही पड़ता। और फिर शाम को वो खाना खा लेते है और सोचते है की उपवास पूरा हुआ। 

प्यारे दोस्तों, उपवास का मतलब सिर्फ खाना छोड़ना नही होता। और भी बहुत सी चीज़े है जिसे उपवास के दौरान छोड़ना बहुत ज़रूरी है।

“जिस उपवास से मैं प्रसन्न होता हूँ, वह क्या यह नहीं, कि अन्याय से बनाए हुए दासों, और अन्धेर सहनेवालों का जूआ तोड़कर उनको छुड़ा लेना, और सब जूओं को टुकड़े टुकड़े कर देना? क्या वह यह नहीं है कि अपनी रोटी भूखों को बाँट देना, अनाथ और मारे–मारे फिरते हुओं को अपने घर ले आना, किसी को नंगा देखकर वस्त्र पहिनाना, और अपने जातिभाइयों से अपने को न छिपाना? 

तब तेरा प्रकाश पौ फटने के समान चमकेगा, और तू शीघ्र चंगा हो जाएगा; तेरा धर्म तेरे आगे आगे चलेगा, यहोवा का तेज तेरे पीछे रक्षा करते चलेगा।  तब तू पुकारेगा और यहोवा उत्तर देगा; तू दोहाई देगा और वह कहेगा, ‘मैं यहाँ हूँ ।’ यदि तू अन्धेर करना और उँगली उठाना, और दुष्‍ट बातें बोलना छोड़ दे, उदारता से भूखे की सहायता करे और दीन दु:खियों को सन्तुष्‍ट करे, तब अन्धियारे में तेरा प्रकाश चमकेगा, और तेरा घोर अन्धकार दोपहर का सा उजियाला हो जाएगा।

यहोवा तुझे लगातार लिए चलेगा, और अकाल के समय तुझे तृप्‍त और तेरी हड्डियों को हरी भरी करेगा; और तू सींची हुई बारी और ऐसे सोते के समान होगा जिसका जल कभी नहीं सूखता। तेरे वंश के लोग बहुत काल के उजड़े हुए स्थानों को फिर बसाएँगे; तू पीढ़ी पीढ़ी की पड़ी हुई नींव पर घर उठाएगा; तेरा नाम टूटे हुए बाड़े का सुधारक और पथों का ठीक करनेवाला पड़ेगा।”

यशायाह 58:6‭-‬12

ये वचन पढ़कर तो आप समझ ही गए होंगे के परमेश्वर को आपसे कैसा उपवास चाहिए।

उपवास के दौरान किन किन चीजों से दूर रहना चाहिए?

मेरे प्यारे दोस्तों, दूसरा कथन पढ़कर तो आप समझ गए होंगे के उपवास के दौरान आपको किन चीजों से दूर रहना चाहिए। 

लेकिन इसके अलावा और भी बहुत सी ऐसी चीजें है, जिसे हम उपवास मे होते हुए भी  जाने अनजाने करते है। 

क्रोध करना

दोस्तों, परमेश्वर का वचन कहता है की, क्रोध से परे रह, और जलजलाहट को छोड़ दे! मत कुढ़, उससे बुराई ही निकलेगी। (भजन संहिता 37:8 ) ।

खास तौर पर जब आप उपवास करते है तब शैतान बहुत कोशिश करता है के आपसे पाप करवाए। इसलिये वो आपके मन मे ऐसे ऐसे विचार डालता है ताकि आप क्रोध करें और आप मे बुराई उत्पन्न हों। लेकिन प्रार्थना के द्वारा आपको अपने क्रोध पर काबू पाना चाहिए ताकि आप प्रभु के सामने निष्कलंक साबित हों।

दूसरों की चुगली या बुराई करना

क्या आप जानते हो के बाईबल क्या कहता है,दूसरों की बुराई करने के विषय में?

“जो छिपकर अपने पड़ोसी की चुगली खाए, उसका मैं सत्यानाश करूँगा; जिसकी आँखें चढ़ी हों और जिसका मन घमण्डी है, उसकी मैं न सहूँगा।”

भजन संहिता 101:5

परमेश्वर को नफ़रत है चुगली या बुराई करने वाले लोगों से। हो सकता है के आपको किसी व्यक्ति विशेष का व्यवहार अच्छा नही लगता हो, लेकिन आपको उसके पीछे कभी भी उसकी बुराई नही करनी चाहिए। यदि आप उस व्यक्ति की वजह से सताये जाते हो तो संयम रखें और प्रार्थना करें।

खास तौर पर उपवास करते समय अपने मुँह को चुगली या बुराई करने के लिए ना खोलो, कोई भी इंसान सिद्ध नही होता। हम सबसे पाप होता है, लेकिन परमेश्वर अनुग्रहकारी है और वो आपसे प्रेम करता है। हम सब उसके अनुग्रह के द्वारा बुलाये गए है।

फिल्मी गाने सुनना या फिल्म देखना

दोस्तों, बहुत से ऐसे लोग भी है जो उपवास रखते तो है,लेकिन ये सोचकर के इतना समय भूखा रहकर कैसे गुज़रेगा, वो अपने मनोरंजन के लिए फिल्म देखने या फिल्मी गीत सुनना शुरू कर देते हैं।

ऐसे उपवास स्वर्ग तक नही पहुँचते। क्योंकि लिखा है-और जो शारीरिक दशा में हैं, वे परमेश्वर को प्रसन्न नहीं कर सकते। रोमियों 8:8

मेरे प्रियो, इस दुनिया के फिल्मी गाने और फिल्में, आपके आत्मिक उन्नति मे बाधा बन जाते है। इसलिये ज़रूरी है के ऐसे ऐसे गानों से दूर रहें। खास तौर पर जब आप उपवास करें तब तो ऐसी चीजों से दूर ही रहें ताकि शैतान को आपके जीवन मे अवसर ना मिले।

बाईबल हमे सिखाती है की –

मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो, और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्‍वर के लिये भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ।

कुलुस्सियों 3:16

जी हाँ, आत्मिक गीत गाओ ताकि परमेश्वर के वचन आपके हृदय में बस जाए।

सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना

बहुत से लोग तो ये सोचते है की सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने से उनके उपवास पर की प्रभाव नही पड़ता। लेकिन ये बिल्कुल ग़लत है। सोशल मीडिया भी आपके मनोरंजन के लिए बना है।

अक्सर लोग उपवास के दौरान सोचते है की वो सोशल मीडिया पर कुछ भी ग़लत नही देखेंगे या वो सिर्फ अच्छी और लाभदायक चीजें ही देखेंगे। यदि ऐसा है तो बहुत अच्छी बात है, लेकिन वास्तविकता कुछ और होती है। हम शुरू तो करते है अच्छी और लाभदायक चीजें देखने से,लेकिन कुछ समय के बाद हम फिर वही व्यर्थ चीजें देखने मे अपना समय लगा देते है।

और इस तरह हमारा ध्यान बाईबल से दूर हो जाता है। तो बेहतर है की हम उपवास के समय सोशल मीडिया से दूर रहें और बाईबल पढ़ें और प्रार्थना करें।

ज्यादा सोना या आराम लेना

हम मे से बहुत लोग हैं जो उपवास के दौरान बहुत थकान महसूस करते है और वो सोचते है की सोकर या आराम कर के उपवास पूरा किया जा सकता है।

ऐसा बिल्कुल नहीं है। यदि आप उपवास रख कर बाईबल नही पढ़ते, प्रार्थना नही करते और प्रभु की स्तुति नही करते। तो आपका उपवास रखने का कोई अर्थ नही है। ऐसा नहीं है की आप बिल्कुल सो नही सकते या आराम नही कर सकते, बिल्कुल आप आराम कर सकते हो, लेकिन सारा दिन  आराम करना भी गलत है । आपको परमेश्वर के लिए भी समय अलग करना बहुत ज़रूरी है। 

ग़लत बातें सोचना

सिर्फ मुँह से निकली बात को ही नही बल्कि हमे अपने मन के विचारों पर भी काबू पाना बहुत ज़रूरी है। दोस्तों, परमेश्वर आपके मन के विचारों को भी जाँचता है ।

क्योंकि परमेश्‍वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है; और प्राण और आत्मा को, और गाँठ-गाँठ और गूदे-गूदे को अलग करके आर-पार छेदता है और मन की भावनाओं और विचारों को जाँचता है।

इब्रानियों 4:12

इसलये उपवास के दौरान अपने मन में बुरे विचारों को आने मत दो और प्रार्थना करो ताकि आप ऐसे विचारों से बचे रहो।

5 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here